हिन्दी विषय सूची

स्वर्ग, स्वर्गलोक, नरक, शऔल (Sheol), हैडिस (Hades) और गेहेना (Gehenna)

क्या स्वर्ग और नरक हिब्रू और ग्रीक भाषा में पैराडाइज, शऔल, हैडिस और गेहेना के सटीक अनुवाद हैं? इन शब्दों के वास्तविक अर्थ क्या हैं? – लेख देखें »

विश्वव्यापी मिलाप

विश्वास नहीं करने वाले लोग सदा के लिए अग्निकुण्ड में रहेंगे या अन्त में उनका भी उद्धार किया जाएगा – लेख देखें »

पूर्वअस्तित्व और विश्वव्यापी मिलाप

क्या इस संसार में आने से पहले आत्मा के रूप हमारा अस्तित्व था? पवित्रशास्त्र में स्पष्ट प्रमाण मिलता है कि हमारा अस्तित्व था और विश्वव्यापी मिलाप से इसका गहरा संबंध है – लेख देखें »

आग और गन्धक से पिडीत

आग और गन्धक से पिडीत – लेख देखें »

इस्राएल के पर्व

पुराने नियम, नये नियम और कलीसिया में पर्व – लेख देखें »

पुराने नियम, नये नियम और कलीसिया में पर्व

शास्त्रों में उल्लिखित पर्व और उनके आत्मिक अर्थ एवम् कलीसिया के पर्व और उनके बुतपरस्त उत्पत्ति की तुलना – लेख देखें »

विश्रामदिन

क्या रविवार ने शनिवार को विश्रामदिन के रूप में विस्थापित कर दिया है? विश्रामदिन का आत्मिक अर्थ क्या है? – लेख देखें »

मलकिचेदेक की याजक पद

मलिकिसिदक, लेवीय और अन्य याजक पद की तुलना – लेख देखें »

शाऊल और दाऊद

इजराइल देश के इन दो राजाओं का परमेश्वर और मनुष्यों से किए गये व्यवहार से बहुत कुछ सिखा जा सकता है – लेख देखें »

दाउद और सुलैमान

हमलोग दाउद के द्वारा प्रतिनिधित्व किये गए युग से आगे सुलैमान के द्वारा दर्शाए गए युग की ओर बढ़ रहे हैं – लेख देखें »

परमेश्वर के वचन की अभिव्यक्तियां

परमेश्वर का वचन क्या है? यह बाइबल की तुलना में बहुत वृहत् है। लेख देखें »

क्या बाइबलको शाब्दिक रुप में लेना उचित है?

क्या हमे बाइबल के हरेक शब्द को शाब्दिक रूप मे लेना चाहिए? या कुछ बातो को आत्मिक रूप मे भी लेना उचित होगा? क्या होता है जब विज्ञान और बाइबल असहमत होते है? लेख देखें »

सृष्टि और क्रमिक विकाश

वासतव में सृसटी और विकाशवाद में कोई भी विरोधाभास नहीं है। उन्हीं सर्वशक्तिमान परमेश्वर ने सम्पूर्ण ब्रह्माणड की रचना की, विग्यान के नियम स्थापित किये और धर्मशास्त्र बाइबल के वचन लिखने की प्रेरणा दी। लेख देखें »

पांच सेवकाई

पॉच बाइबलीय सेवकाई क्या हैं? क्या ये सेवकाई हमारी मण्डलियों में हैं? लेख देखें »

ईसाई और इसलाम धर्म

ईसाई और इसलाम धर्म में हिंसा – यीशु और मुहम्मद में भिन्नता – लेख देखें »

मूसा और पुत्रत्व का मार्ग

मूसा के जीवन से महत्वपूर्ण बातें सिखी जा सकती हें, जैसे मूसा और यीशु के जीवन में बहुत सारी समानताएँ हैं। पुत्रत्व के लिए बुलाए गए लागों को उसी मार्ग पर चलना पडेगा – लेख देखें »

चार जीवित प्राणी

ख्रीष्ट के शरीर (कलिसीया) के प्रकाश – लेख देखें »

मैं हूं

चौथे जीवित प्राणी – लेख देखें »

पुनर्स्थापन का वर्ष

धर्मशास्त्र मे जुबली वर्ष का अर्थ क्या है और हमारे लिये आज इसका महत्व क्या है? लेख देखें »

बेबीलोन

धर्मशास्त्र में उल्लिखीत बाबेल और बेबीलोन का अध्ययन। परमेश्वर के सच्चे मण्डली और मानव निर्मित शैतान प्रेरित नकली मण्डली के बीच की भिन्नता – लेख देखें »

त्रिएक परमेश्वर

कलीसिया की परम्परा धर्मशास्त्र और ईतिहास में त्रिएक परमेश्वर का सिद्धान्त – लेख देखें »

यीशु परमेश्वर हैं या परमेश्वर के पुत्र?

पिछले सतरह सौ वर्षों से, कौन्सटेन्टाइन के समय से ही, परम्परागत मण्डलियों ने हमें यही शिक्षा दी है कि यीशु परमेश्वर हैं। क्या आरम्भिक मण्डली का विश्वास यही था? क्या बायबल धर्मशास्त्र हमें यही शिक्षा देती है? – लेख देखें »

कलीसिया, धर्मशास्त्र और ईतिहास में क्रूस का स्थान

कलीसिया, धर्मशास्त्र और ईतिहास में क्रूस का स्थान – लेख देखें »

परमेश्वर का नाम और यीशु का नाम

परमेश्वर के नाम ‘यहोवा’ और ‘यीशु’ के नाम पर एक नयी दृष्टि – लेख देखें »

चिह्न और आश्चर्य कर्म

यिशु के इन शब्दों की व्याख्या कि उनके अनुयायी यीशु के द्वारा किये गये कामों से भी महान् काम करेंगे और झूठे चिह्नों के विषय में जानकारी एवम् उनसे अपने आपको सुरक्षित रखने के उपाय – लेख देखें »

सामरी स्त्री

बाइबल के कहानियों से हम लोग कुछ नयी शिक्षायें पाते हैं। परमेश्वर को स्वाभाविक रूप में पूजने और आत्मा में पूजने में आकाश और पृथ्वी का अन्तर हैं – लेख देखें »

यीशु को समझन

निकुदेमुस, फरिसी लोग, उनके माता पिता, उनके चेले, किसीने भी यीशु को नही समझा। क्या हम उन्हें अच्छी तरह समझ पाये हैं? लेख देखें »

विश्वव्यापी मिलाप और अक्षम्य पाप

अक्षम्य पाप के बारे में यीशु के कहे गये शब्द किस प्रकार विश्वव्यापी मिलाप के अनुकूल हो सकते हैं? – लेख देखें »

धर्मशास्त्र और परमेश्वर का वचन

परमेश्वर के वचन का अर्थ बाइबल है कि और कुछ? लेख देखें »

अच्छा चरवाहा

बाइबल के समय के और वर्तमान के अच्छे और बुरे चरवाहा – लेख देखें »

६६६ और ८८८

६६६ के विषय में तो सबों ने सुना है लेकिन ८८८ का अर्थ क्या है? इन दोनों अंकों में छुपे हुए अर्थ बुझाने का एक प्रयास़ – लेख देखें »

प्रभु का आगमन

क्या यह जल्द ही होने वाला है? इस विषय पर उल्लेखित बाइबल के विभिन्न पद फिर से देखते हैं – लेख देखें »